Home>>Breaking News>>अफगानिस्तान के पंजशीर घाटी में, सालेह और मसूद के नेतृत्व में, तालिबान के खिलाफ सुलगने लगी विद्रोह की ज्‍वाला, रूस हुआ परेशान
Breaking Newsताज़ादुनिया

अफगानिस्तान के पंजशीर घाटी में, सालेह और मसूद के नेतृत्व में, तालिबान के खिलाफ सुलगने लगी विद्रोह की ज्‍वाला, रूस हुआ परेशान

अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी अभी भी तालिबानीयों की पकड़ से दूर है क्योंकि यह दुर्गम पहाड़ियों की गोद में बसा हुआ है, यहाँ तक तालिबानियों की पहुँच नहीं है. इस इलाके में ही रहते हैं अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह. अगर देखा जाए तो अमरुल्ला सालेह और अहमद मसूद, इस क्षेत्र के ऐसे नेता हैं जो तालिबान को चुनौती देते रहे हैं.

खबर ये है की सालेह और मसूद के नेतृत्व में, तालिबान के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बज चूका है. पंजशीर घाटी में विद्रोही जमा हो रहे हैं. संभव है की ये विद्रोही जल्द ही तालिबान के लिए मुश्किलें खड़ी करते हुए नजर आयेंगे.

अगर देखा जाए तो अफगानिस्तान के कई इलाके हैं जो अभी भी तालिबान की पकड़ से बाहर हैं. ऐसे इलाकों का नेतृत्व आने वाले समय में सालेह के द्वारा किया गया तो अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ बगावत सुनिश्चित है और तालिबान के लिए अफगानिस्तान पर पूरी तरह से कब्जा किये जाने का दावा भी फेल होता हुआ नजर आ सकता है.

ये भी संभव है कि तालिबान के इस तरह के विरोध को देखने के बाद, तालिबान के कब्जे में जो क्षेत्र हैं, वहाँ भी लोगों का जोश उमड़े और वो भी तालिबान के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दें.

कल अफगानिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर, कई क्षेत्रों में लोगों ने तालिबान के खिलाफत में हथियारबंद होकर जुलुस निकाला, इस तरह के जुलूसों में हथियारबंद महिलायें भी दिखीं. इसका मतलब साफ़ है कि अफगानिस्तान की महिलाओं ने इस बार ठान लिया है की भले ही जान चली जाए, वो खुद को तालिबान का गुलाम बनने नहीं देंगी.

अफगानिस्तान में तालिबानियों के खिलाफ शुरू हो चुकी बगावत से रूस ज्यादा चिंतित दिख रहा है क्योंकि उसे डर है कि हिंसा की यह आग, पूर्व सोवियत संघ के देशों जैसे उज्बेकिस्तान और तजाकिस्तान तक न पहुँच जाए. यही कारण है कि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लवरोव ने कहा है कि अफगानिस्‍तान के सभी राजनीतिक धड़ों के बीच में ‘प्रतिनिधि सरकार’ के गठन के लिए बातचीत होनी चाहिए.

यह बातचीत कब होगी, इसके मुद्दे क्या होंगे और ये बातचित कितनी सफल होगी ? इन सवालों का जवाब शायद जल्द ही मिलता हुआ दिखे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *