
कोरोना महामारी की रफ़्तार कम हुयी तो बिहार में स्कूल खुलने शुरू हो गए. छात्रों ने भी स्कूल का रुख किया लेकिन समस्या ये है कि स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक गायब हैं. बिना किसी सुचना के गायब रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही किये जाने की कवायद शुरू हो चुकी है.
बिहार शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 9 अगस्त से 13 अगस्त के दौरान कई स्कूलों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान 165 शिक्षक और कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए. जिला शिक्षा अधिकारियों ने जांच में पाया कि गैरहाजिर शिक्षक और कर्मचारी बिना किसी पूर्व सूचना के छुट्टी पर थे.
अब माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने कल गुरुवार को ‘नो पे फॉर नो वर्क’ के सिद्धांत पर इन गायब शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन में कटौती का आदेश दिया है. विभाग ने स्पष्ट किया है कि स्कूल के प्रधानाध्यापक की अनुमति के बिना छुट्टी को अनाधिकृत अनुपस्थिति माना जाएगा.
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि “हमने पिछली समीक्षा बैठक में सभी जिला कलेक्टरों और डीईओ और डीपीओ समेत शैक्षिक अधिकारियों को खास निर्देश दिए हैं. उन्हें सरकारी स्कूलों का औचक दौरा करने के लिए कहा गया था. 38 जिलों में से 18 जिलों में शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षकों को अनुपस्थित पाया है. अकेले रोहतास में 65 शिक्षक गैरहाजिर पाए गए हैं.”