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बिहार में बाढ़ के कहर से 23 लोगों की मौत और मात्र 3 दिन में करीब पांच लाख लोग प्रभावित

बाढ़ के कहर से त्रस्त बिहार में बाढ़ की विभीषिका इस साल भी प्रलय के रूप में ही दिखी. इस कहर से बिहार के 16 जिले मुख्यरूप से प्रभावित रहे. इन प्रभावित जिलों में बाढ़ के कारण 23 लोगों की मौत हो गयी और मात्र तीन दिन में करीब 5 लाख लोग बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के कहर के बिच स्थिति का जायजा लेने के लिए नेताओं का दौरा भी जारी है.

बाढ़ का जायजा लेने के लिए केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह ने बुधवार को जब जिले के मटिहानी और बछवाड़ा ब्लॉक के बरौनी और आसपास के गांवों के कुछ गांवों का दौरा किया , तो उन्हें प्रशासन से राहत और सहायता मांगने वाले लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा.

प्रशासन से आवश्यक नाव नहीं मिल पाने के कारण, गिरिराज सिंह कुछ अन्य गांवों का दौरा नहीं कर सके. इस बाबत जब बछवाड़ा अनुमंडल प्रशासन से सवाल किया गया तो उनके मुताबिक बचाव और राहत कार्य करने के लिए बाढ़ प्रभावित गांव में उस समय उपलब्ध दो नावों को भेजा गया था. जिसके कारण नाव की अनुपलब्धता के कारण कुछ क्षेत्रों में गिरिराज सिंह को अपना दौरा रद्द करना पड़ा.


अगर देखा जाए तो पिछले तीन दिनों में राज्य में बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या में पांच लाख से अधिक की वृद्धि हुई है. बाढ़ से प्रभावित प्रखंडों और गांवों की संख्या बढ़कर क्रमश: 100 और 2,628 हो गई है. बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा कि मंगलवार को 32.29 लाख की तुलना में गुरुवार को बाढ़ प्रभावित लोगों की कुल संख्या 37 लाख थी. 16 जिलों में बाढ़ के परिणामस्वरूप 1.35 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं और संबंधित जिलों में स्थापित 865 सामुदायिक रसोई के माध्यम से 11.59 लाख लोगों को दिन और रात का भोजन कराया गया है.

आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से कहा गया है कि प्रभावित जिलों के अधिकारी प्रभावित परिवारों में से प्रत्येक परिवार के एक सदस्य के बैंक खातों में 6,000 रुपये प्रति परिवार की मुफ्त राहत राशि ट्रांसफर कर रहे हैं. विभाग के मुताबिक बाढ़ के पानी की चपेट में आने वाले गांवों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों की संख्या भी क्रमश: 17 और 12 कर दी गई है.

इस बीच किशनगंज और कटिहार जिलों में महानंदा नदी के बेसिन में गांवों पर बाढ़ के पानी का दबाव बढ़ गया है क्योंकि नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीँ भागलपुर में 34.86 मीटर के उच्चतम बाढ़ स्तर से 10 सेमी नीचे बहने वाली गंगा के साथ कहलगांव और पीरपैंती जिले के दो किनारों के साथ स्थित ब्लॉकों में बाढ़ आ गई है. बाढ़ ने जिले के उत्तरी ब्लॉकों को भी प्रभावित किया है. बक्सर में गंगा खतरे के निशान से 2.25 मीटर और पटना के दीघा में 13 सेंटीमीटर नीचे बह रही है.

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