
यूपी में जातिय-संतुलन बिगाड़ने की साजिश के तहत बड़ी संख्या में धर्मांतरण किये गए. इसके लिए विदेश फंडिंग का भरपूर इस्तमाल भी हुआ. इस तरह की साजिश जब सामने आई तो काफी तत्परता और तेज गति से जाँच हुयी. यूपी एटीएस ने अवैध धर्मांतरण के मामले में उमर गौतम समेत छह आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है. आरोप पत्र में लिखा है कि उमर गौतम और उसके साथी देश का जनसंख्या संतुलन बिगाड़ने के लिए देशी और विदेशी फंडिंग की मदद से बड़े पैमाने पर अवैध धर्मांतरण करा रहे थे. इस मामले में अभी तक 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें से छह के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया है.
यूपी एटीएस के मुताबिक उमर गौतम, जहांगीर आलम, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल्ल मन्नान, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, इरफान शेख व सलाहुद्दीन के खिलाफ विशेष मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट (कस्टम) में आरोप पत्र दाखिल किया गया है. एटीएस के मुताबिक विवेचना में इनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर यह तथ्य प्रमाणित हुए हैं कि इनके द्वारा साजिश के तहत देशव्यापी अवैध धर्मान्तरण के गिरोह का संचालन किया जा रहा है, जिसके तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े हैं.
बड़े ही सोची समझी साजिश के तहत चल रहा था ये धंधा
गिरोह के लोग आर्थिक रूप से कमजोर, महिलाओं और दिव्यांगजनों विशेषकर मूक-बधिरों को बहला-फुसलाकर उनकी इच्छा के खिलाफ धर्मान्तरण करा रहे थे. धर्मान्तरित व्यक्ति को कट्टर विचारधारा से जोड़कर उसे उसके मूल धर्म के अन्य लोगों, मित्रों, रिश्तेदारों के धर्मान्तरण की जिम्मेदारी दी जाती थी ताकि धर्मान्तरित व्यक्ति किसी भी दशा में मूल धर्म में वापस न जाने पाए. इसके लिए समय-समय पर कार्यशालाएं एवं अवैध धर्मान्तरण कराए जाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता था.
यूपी एटीएस ने चार्जशीट में दावा किया है कि अवैध धर्मान्तरण की कार्यवाही से विभिन्न धर्मों के बीच आपसी वैमनस्य एवं कटुता बढ़ने और रेडिकलाइज्ड व धर्मान्तरित व्यक्तियों को देश विरोधी अतिवादी विचारधारा से भी जोड़े जाने के प्रमाण मिले हैं.
चार्जशीट के मुताबिक आरोपितों द्वारा धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को उसके धर्म के विषय में भ्रामक तथ्य बताए जाते थे. उनके मूल धर्म के प्रति विद्वेष पैदाकर धार्मिक भाई चारे को बिगाड़ा जाता है. धर्म विशेष के लोगों को दूसरी दुनिया के जीवन में जहन्नुम की आग जैसी अवधारणाओं का हवाला देते हुए भयभीत भी किया गया और अनुचित दबाव डालकर अवैध धर्म-परिवर्तन किया गया.
यूपी एटीएस के मुताबिक इस अवैध गतिविधि को संचालित करने के लिए दिल्ली स्थित इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी), गाजियाबाद (मसूरी) के धार्मिक स्थल और नोएडा डेफ सोसाइटी को औपचारिक केंद्र बनाकर पूरे भारत में इसका जाल बिछाया गया.
धर्मांतरण के लिए हवाला के जरिए आया विदेशों से पैसा
अवैध धर्म परिवर्तन के लिए विदेशों में बैठे इसके सहयोगियों द्वारा भारी मात्रा में हवाला के जरिए उमर गौतम को दावा (इस्लाम स्वीकारने की दावत) से सम्बन्धित धर्म परिवर्तन के लिए पैसे भेजकर सहायता की जा रही थी। उमर गौतम द्वारा इन पैसों को अवैध ढंग से अपने गिरोह के अन्य सदस्यों को भेजता था.
आईडीसी में अवैध नेटवर्क का प्रयोग करके झूठी सूचनाओं के आधार पर धर्मान्तरण संबंधी प्रपत्र भी तैयार कराए जाते थे. एटीएस ने चार्जशीट में कहा है कि गिरोह के अन्य अभियुक्तों, प्रसाद कावरे उर्फ एडम उर्फ आदम, अर्सलान उर्फ भूप्रिय विंदो, कौसर आलम, डॉक्टर फराज एवं अन्य संदिग्धों के खिलाफ विवेचना जारी है.