
सोनिया गाँधी एक बार फिर से विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद में जुटती हुयी दिख रही हैं. आज वो देश के कई प्रमुख विपक्षी नेताओं के साथ डिजिटल बैठक करेंगी जिसमें पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और झारखंड के मुख्यमंत्री भी शामिल हो सकते हैं.
अगर देखा जाए तो पिछले कई साल से, सोनिया गांधी देश के सामने खड़े प्रमुख मुद्दों पर विपक्षी दलों को साथ लेकर, मोदी सरकार को घेरने की कोशिश में हैं. इसी प्रयास के तहत उन्होंने आज यह बैठक बुलाई है. कई विपक्षी दल भी राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा और PM मोदी से सियासी मुकाबला करने के लिए एकजुट होने के प्रयास में दिख रहे हैं ताकि अगले लोकसभा चुनाव में विपक्ष की ओर से, भाजपा को कड़ी चुनौती दी जा सके.
अभी हाल ही में संसद के मानसून सत्र के दौरान पेगासस जासूसी विवाद, किसान आंदोलन और महंगाई के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता देखने को मिली है. इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, विपक्षी एकजुटता की कवायद में पूरी तरह से सक्रीय नजर आए.
सोनिया गांधी के साथ डिजिटल बैठक के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार समेत कई विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया गया है. अब देखना ये है की आज के इस बैठक में विपक्षी दलों के कौन-कौन से नेता शामिल होते हैं.
हालांकि, बैठक का एजेंडा अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि बैठक में विपक्षी दलों के मुद्दों पर चर्चा करने और विपक्षी एकजुटता को मजबूत करने के तरीकों पर विचार विमर्श होगा. अफगानिस्तान के हालात और पूर्वोत्तर के कुछ हालिया घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में विपक्षी दल सरकार से राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भी सवाल कर सकते हैं.