
भारत में कोविड-19 वैक्सीनेशन के बिच ही बूस्टर डोज की बात चल निकली. लोगों के बिच इस बाबत कई तरह की भ्रम-भ्रांति भी सामने आई. लेकिन एक सवाल का जवाब नहीं मिल पा रहा था कि “क्या कोविड-19 के बूस्टर डोज की भी आवश्यकता पड़ेगी ?” एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने आज शनिवार को वैक्सीन की बूस्टर डोज को लेकर बड़ी बात कही है, जिसमें उपरोक्त सवाल का जवाब भी मिलता हुआ नजर आता है. उन्होंने कहा कि भारत के पास तीसरे COVID-19 वैक्सीन शॉट की आवश्यकता के लिए पर्याप्त डेटा नहीं है. उनके अनुसार अगले साल जनवरी तक इस बारे में पर्याप्त जानकारी मिल सकती है.
आपके जानकारी के लिए बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और इजराइल सहित कई देश अब अपने नागरिकों में अधिक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए वैक्सीन की तीसरी बूस्टर डोज दे रहे हैं. टीके की यह डोज दूसरी खुराक के लगभग 6 महीने बाद दी जाती है.
डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमारे पास यह कहने के लिए पर्याप्त डेटा है कि लोगों को बूस्टर डोज की आवश्यकता है. उन्होंने साफ किया कि यहां तक कि बुजुर्ग और उच्च जोखिम बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए बूस्टर डोज के लिए पर्याप्त डेटा नहीं है.