
उत्तर प्रदेश के नॉएडा को “सेफ सिटी” बनाने के परियोजना के अंतर्गत, जिले में तैनात पुलिसकर्मियों को हाईटेक करने की दिशा में, योगी सरकार ने एक कदम और बढ़ाया . अब नोएडा पुलिस बॉडी वार्न कैमरे से लैस होगी. शासनादेश के अनुसार, जल्द ही सभी चौकी इंचार्ज बॉडी वार्न कैमरे से लैस दिखाई देंगे. नोएडा कमिश्नरेट पुलिस को उत्तर प्रदेश शासन से 180 बॉडी वार्न कैमरे मिले हैं. कैमरा को तीनों जोन के सभी चौकी इंचार्ज को दिया जाना है. प्रत्येक जोन को 60-60 कैमरे दिए जाएंगे ताकि लोगों को बेहतर पुलिसिंग दी जा सके.
आपके जानकारी के लिए बता दूँ कि बॉडी वार्न कैमरा छोटी सी डिवाइस होती है. इसे वर्दी के ऊपर कंधे या सीने के पास लगाया जाता है. इस कैमरे में अत्याधुनिक वाइड लेंस लगा होता है. कैमरे में खुद ही आवाज के साथ सामने घटित होने वाले घटनाक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग होती है. बॉडी वार्न अकेली जिले में तीन जोन में एसीपी स्तर के अधिकारी नामित किए गए हैं.
अगर देखा जाए तो बॉडी वार्न कैमरा अपराध के खिलाफ कारगर हथियार साबित होगा. इसके पीछे का उद्देश्य पुलिसकर्मियों पर नागरिकों के साथ व्यवहार पर निगरानी रखने और पुलिस में नागरिकों के बीच विवाद या किसी तरह का अपराध घटित होने पर उसकी प्रारंभिक सूचना के तथ्य एकत्र करना है, जिससे दोषी व्यक्ति को आसानी से पकड़ा जा सके. साथ ही कानून व्यवस्था के समय इसका उपयोग बेहतर साबित होगा जो भी घटनाक्रम होगा वह रिकॉर्ड हो जाएगा. भीड़ को काबू करने के दौरान लोग पुलिस से बहस बाजी करते हैं. ऐसे में आरोप-प्रत्यारोप भी लगते हैं इन कैमरों की मदद से सब कुछ रिकॉर्ड हो जाएगा तो साक्ष्य के आधार पर काम करेंगे.
बॉडी वार्न कैमरा से अपराध पर नियंत्रण और पर्याप्त साक्ष्य प्राप्त करने में तो मदद मिलेगी ही, इसके साथ ही चौराहों और मुख्य मार्गों पर तैनात पुलिसकर्मियों के भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा. अगर देखा जाए तो बॉडी वोर्न कैमरे से एक पंथ दो काज हो जायेगा, अपराध पर नियंत्रण भी होगा और पुलिसिया भ्रष्टाचार को रोकने में भी मदद मिलेगी.