
एक समय देश में “जनलोकपाल आन्दोलन” के कारण काफी लोकप्रिय रहे, सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने राज्य में मंदिरों को फिर से नहीं खोलने के मुद्दे पर, महाराष्ट्र सरकार के रुख पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि अगर मंदिरों पर से प्रतिबंध हटाने के लिए आंदोलन किया जाता है तो वह उसे अपना समर्थन देंगे. हजारे ने महा विकास अघाड़ी सरकार के द्वारा, मंदिरों को फिर से खोलने से इनकार करने पर यह सवाल उठाया. इसके लिए उन्होंने शराब की दुकानों के बाहर लगी लंबी कतार की ओर इशारा करते हुए सरकार पर कटाक्ष भी किया.
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में अन्ना हजारे ने कहा कि मंदिरों को फिर से खोलने की मांग करने वाले कुछ लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की थी. उन्होंने कहा, राज्य सरकार मंदिर क्यों नहीं खोल रही है ? लोगों के लिए मंदिर खोलने में राज्य सरकार को क्या खतरा दिखता है ? अगर कोविड-19 कारण है, तो फिर शराब की दुकानों के बाहर बड़ी कतारें क्यों हैं ?
84 वर्षीय हजारे ने कहा कि उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को अपने समर्थन का आश्वासन दिया और उनसे कहा कि अगर वे मंदिरों को फिर से खोलने की मांग को लेकर आंदोलन करेंगे तो वह उनके साथ रहेंगे.
हालांकि, राज्य सरकार अभी भी कोरोना वायरस के प्रसार के डर से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने से कतरा रही है, खासकर जब महामारी की तीसरी लहर का अनुमान लगाया जा रहा है. विशेष रूप से, विपक्षी दल बीजेपी मांग करती रही है कि लोगों के लिए मंदिर फिर से खोले जाएं.
अगर महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों की बात करें तो महाराष्ट्र में शनिवार को कोरोना वायरस के 4,831 नए मामले आए और 126 मौतें हुईं, जिससे राज्य में संक्रमण की कुल संख्या 64,52,273 हो गई और मरने वालों की संख्या 1,37,026 हो गई.