
जनता दल युनाइटेड (JDU) के प्रमुख नेताओं में दो नाम शीर्ष पर रहे हैं, एक नाम है पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी का और दूसरा नाम है जदयू कोटे से NDA के केन्द्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह का. इन दोनों नेताओं के विचार और निति को ही पार्टी सुप्रीमो अहमियत देते हैं. लेकिन जदयू के राष्ट्रिय कार्यकारिणी के बैठक में आरसीपी सिंह और केसी त्यागी के बिच जो तकरार हुयी है, उसके मद्देनजर ये कहा जा सकता है की आने वाले समय में ये तकरार जदयू के संगठन को भारी पड़ता हुआ नजर आ सकता है.
जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के व्यक्तित्व पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी की ओर से कही गई बात को नकार दिया. इतना ही नहीं आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार को व्यवहारिक समाजवादी नेता बताया. कार्यकारिणी बैठक में मंच पर पहुंचे आरसीपी सिंह ने कहा-“अभी केसी त्यागी ने कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचारित किया है। लेकिन मैं हंसते हुए उनकी दो बातों पर असहमति जताता हूं.”
केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा-“केसी त्यागी ने हमारे नेता नीतीश कुमार को सी एन अन्नदुराई के समकक्ष बताया. मैं त्यागी से कहना चाहता हूं कि 1924 में अन्नदुराई ने जस्टिस मूवमेंट चलाया था. वह सामाजिक मूवमेंट था. वो मोटिव इश्यू था. वहीं हमारे नेता नीतीश कुमार ने जो परिवर्तन किया है वह केवल सामाजिक नहीं है बल्कि उससे भी आगे बढ़कर है. ध्यान देने वाली बात यह है कि यह परिवर्तन हमारे नेता ने सत्ता में रहकर किया है. आगे जो पीढ़ी आएगी वो हमारे नेता का सही आंकलन करेगी कि हमारे नेता के समकक्ष कौन नेता रहा. मेरा कहना है कि हमारे नेता की बाउंड्री को छोटा मत कीजिए.”
जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी ने आगे कहा कि केसी त्यागी ने दूसरी बात यह कही कि वोट मिले या ना मिले लेकिन हम राजनीति करते रहेंगे. हम सब लोहिया जी चर्चा करते हैं. लोहिया कहा करते थे हम राजनीति करें, सत्ता के लिए करें, तब हम समाज में परिवर्तन ला सकेंगे. सभी साथियों ने कहा कि मुद्दे बेहद अच्छे हैं और हम कह रहे हैं कि 50 आदमी मिलकर धरना दें. क्यों ऐसा बोलते हैं ? जरा सामने देखिए एक पार्टी आज सरकार में है, उनकी स्थापना यूं कहें कि उनके मुख्य थिंकटैंक ने 1925 में नींव रखी. 90 साल के प्रयास के बाद 2014 में उनकी पूर्ण बहुमत की सरकार बन गई. वहीं कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना 1934 में हुई. मात्र नौ साल पीछे, लेकिन हम कहां हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हम केवल मुद्दों पर रहे, व्यक्ति पर रहे. संगठन पर ध्यान ही नहीं दिया. इसलिए हमलोगों को संगठन पर ध्यान देना है. ललन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं, उनकी ताकत तब बढ़ेगी जब हमारा बूथ मजबूत होगा. हम कहीं पांच दिन धरने पर बैठक जाएंगे तो उससे कुछ नहीं होगा. अखबार में सुर्खियां हो जाएगी, हम छप जाएंगे लेकिन हमारी ताकत नहीं बढ़ेगी.
आरसीपी सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि आप मेहनत करके कैसे भी जेडीयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाने के लिए मेहनत करें. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राज्य में तीसरे नंबर की पार्टी बन चुकी जनता दल (युनाइटेड) को अब राष्ट्रीय पार्टी बनने की कवायद तेज कर दी गई है. पार्टी अब अन्य राज्यों में संगठन का विस्तार करने की योजना बनाकर ‘मिशन नीतीश’ की घोषणा कर दी है.
जेडीयू संसदीय दल के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने भी आरसीपी सिंह के विचारों को मजबूत बल देते हुए कहा कि पूरे देश में ‘मिशन नीतीश’ चलाया जाएगा औए इसके तहत देश में राष्ट्रीय स्तर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खड़ा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि देश के स्तर पर नीतीश कुमार के व्यक्तित्व का प्रसार करना तथा उनकी स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए कार्यकर्ता निकले हैं, उन्होंने कहा कि पार्टी को पूरे बिहार और देश में नंबर वन पार्टी बनाएंगे. उल्लेखनीय है कि रविवार को पार्टी की पटना में आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा था कि पार्टी के सभी नेता पार्टी को राष्ट्रीय दल बनाने का संकल्प लें. इसके लिए चार राज्यों में पार्टी को मान्यता मिलना जरूरी है.
उन्होंने कहा था कि पार्टी के विस्तार और मजबूती के लिए सभी नेताओं को अन्य राज्यों में जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पडे तो वे भी जाएंगें. नीतीश के इस बयान के बाद जेडीयू अब अन्य राज्यों खासकर राज्यों में जिन में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं, उस पर खास नजर रख रही है. जेडीयू ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश और मणिपुर विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है. जेडीयू उत्तर प्रदेश में राजग के घटक दल के रुप में चुनाव लड़ना चाहता है, लेकिन अगर गठबंधन को लेकर बात नहीं बनी तो अकेले भी मैदान में उतरने की तैयारी में है. जेडीयू संसदीय बोर्ड के अयक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पांच राज्यों में होने वाले विाानसभा चुनाव को लेकर घोषणा कर चुके हैं. उन्होंने तेवर दिखाते हुए कहा कि इन राज्यों में जेडीयू को अभी गठबंधन की चिंता किये बगैर तैयारी में जुट जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि जेडीयू भाजपा और दो अन्य छोटे दलों के साथ मिलकर बिहार में सरकार चला रही है. पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में जेडीयू राज्य में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है. राजग में भी भाजपा सबसे अधिक सीट जीतकर ‘बड़े भाई’ की भूमिका में है.