
उत्तरप्रदेश के कई धर्म-स्थल पर पहले से ही मांसाहार और मद्यपान पर पाबंदी लगी हुयी है. आज यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा, मथुरा में भी मांसाहार एवं मदिरा की बिक्री एवं सेवन पर पाबंदी का ऐलान कर दिया गया है.
आज मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने पहुंचे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, नन्दगांव, बरसाना, गोकुल, महावन और बलदेव में मांस और शराब की बिक्री एवं सेवन पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने का ऐलान कर दिया. CM योगी ने कहा कि जो लोग मांस-मदिरा बेचने के काम में लगे हुए हैं, उनको पुनर्वास के रूप में दूध बेचने जैसे कामों में लगाया जा सकता है.
आइए, जानते हैं कि मथुरा-वृंदावन के अलावा यूपी के किन और शहरों में मांस-मदिरा बेचने और सेवन करने पर प्रतिबंध है :–
वाराणसी : सांस्कृतिक एवं धार्मिक नगरी वाराणसी के धार्मिक स्थलों पर इस साल अप्रैल में सीएम योगी आदित्यनाथ ने शराब और मांसाहार बेचने पर बैन लगा दिया था. उन्होंने आबकारी अफसरों को निर्देश दिया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर के एक किलोमीटर के दायरे में मांसाहार एवं शराब की बिक्री नहीं होनी चाहिए और न ही इनका सेवन किया जाना चाहिए.
अयोध्या : रामनगरी अयोध्या के धार्मिक स्थलों के आसपास भी शराब और मांसाहार के बेचने पर पाबंदी है. अयोध्या में छोटे-बड़े मिलाकर सैकड़ों धार्मिक स्थल हैं, जहां दर्शन करने के लिए देश के कोने-कोने से लोग आते हैं.
प्रयागराज : गंगा-यमुना के संगम वाले प्रयागराज के धार्मिक स्थलों के आसपास भी मांस और मदिरा के सेवन और बिक्री पर पाबंदी है. स्थानीय प्रशासन को इस संबंध में सख्त आदेश दिए गए हैं. इस शहर में भी सैकड़ों धार्मिक स्थल हैं।
चित्रकूट : मंदाकिनी नदी के किनारे बसा हुआ चित्रकूट देश के सबसे प्राचीन तीर्थस्थलों में से एक है. चित्रकूट अपने प्राकृतिक दृश्यों के साथ आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. कहते हैं कि अपने 14 साल के बनवास के दौरान भगवान राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ यहां 11 साल 11 महीने और 11 दिन बिताए थे. यहां के धार्मिक स्थलों के आसपास भी मांस-मदिरा की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध है.
नैमिषारण्य : यूपी की राजधानी लखनऊ से करीब 80 किमी दूर सीतापुर जिले में स्थित नैमिषारण्य प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ है. वाराह पुराण के अनुसार, यहां भगवान की तरफ से निमिष मात्र में दानवों का संहार करने से यह नैमिषारण्य कहलाया। यहां भी मांस और मदिरा की बिक्री और सेवन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा चुका है.
देवबंद : देवबंद यूपी के प्रमुख नगरों में गिना जाता है. यह इस्लामी शिक्षा और दर्शन के प्रचार-प्रसार के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. यहां के जितने भी धार्मिक स्थल हैं, वहां पर मांस-मदिरा बेचने और सेवन करने पर पाबंदी है.
देवा शरीफ : हाजी वारिस अली शाह की जन्मस्थली देवा शरीफ बाराबंकी जिले में स्थित है. हर साल यहां “देवा मेला” के नाम से एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है. इसके अलावा यहाँ प्रति वर्ष उर्स का आयोजन भी होता है. इनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग बड़ी संख्या में शामिल होते हैं. 10 दिनों तक चलने वाला देवा मेला पूरे देश में प्रसिद्ध है. देवा शरीफ के आसपास भी मांस-मदिरा की बिक्री और सेवन पर पूरी तरह प्रतिबंध है.