
निजी कम्पनी के बारे में लोगों की आम राय यह रहती है कि निजी कम्पनियों में शोषण होता है, काम और समय का निर्धारण नहीं होता, सेलरी कम होती है, प्रबंधन का व्यवहार अपने स्टाफ के प्रति सामंतवादी एवं अव्यवहारिक होता है. लेकिन अगर देखा जाए तो कई ऐसी निजी कम्पनियां हैं जो अपने स्टाफ को वास्तविक रूप से “मानव संसाधन” मानते हैं. ऐसी कम्पनियों के लिए उनका स्टाफ भी पूंजी के रूप में होता है और वो उसकी देखभाल, उसके सुख-सुविधाओं का ख्याल भी पूंजी के रूप में ही करते हैं.
Great Place to Work एक ऐसा सर्टिफिकेशन है जो उन कम्पनियों को दिया जाता है, जहां स्टाफ को वास्विक रूप से मानव संसाधन समझा जाता है. ऐसे में सवाल ये उठता है की आख़िरकार ये सर्टिफिकेशन होता कैसे है और स्टाफ या कम्पनी को इस सर्टिफिकेशन का फायदा क्या है ? इन सवालों का जवाब अगर संक्षेप में जानें तो इसका जवाब है कि Great Place to Work का सर्टिफिकेट पाने के लिए सर्टिफिकेशन करने वाली संस्था के द्वारा विभिन्न आयामों के आधार पर सर्वे किया जाता है और यह सर्टिफिकेट दिया जाता है. इसके चार कैटेगरी होते हैं. पहला कैटेगरी है स्मॉल ओर्गनिजेशन की जिसमें 10 से अधिक एवं 100 से कम एम्प्लोयी होते हैं. दूसरी कैटेगरी है मिड-साइज़ आर्गेनाईजेशन की जिसमें 100 से अधिक एवं 500 से कम एम्प्लोयी हैं. तीसरी कैटेगरी है लार्ज आर्गेनाईजेशन की जिसमें 500 से अधिक एवं 50 हजार से कम एम्प्लोयी काम करते हैं और चौथी कैटेगरी है मेगा आर्गेनाईजेशन की जिसमें 50 हजार से अधिक एम्प्लोयी काम करते हैं. इस सर्टिफिकेट की प्राप्ति इस बात का प्रमाण है कि आपकी कम्पनी या जिस कम्पनी में आप काम कर रहे हैं, वो वास्तविक रूप से लीडरशिप क्वालिटी से युक्त कम्पनी है या स्टाफ के अन्दर वो संस्कार हैं जो उसमें लीडरशिप क्वालिटी को विकसित करते हैं. इस सर्टिफिकेट की प्राप्ति से कम्पनी या स्टाफ को एक ग्लोबल पहचान मिलती है.
माइक्रोफाइनेंस कम्पनी “Satya MicroCapital Ltd.” को यह सर्टिफिकेट “लार्ज आर्गेनाईजेशन कैटेगरी” के तहत प्राप्त हुआ है. इस कम्पनी में काम करने वाले 2290 एम्प्लोयी से किये गए 5 स्तरीय सर्वे के आधार पर “गोल्ड स्टैण्डर्ड” का यह सर्टिफिकेट दिया गया है.
सत्या माइक्रोकैपिटल लिमिटेड में सीनियर EDO के पद पर कार्यरत एक एम्प्लोयी कहना है कि-“Satya MicroCapital Ltd एक विश्वसनीय कम्पनी है. मुझे सत्या परिवार का हिस्सा बनकर ख़ुशी हो रही है. इस कम्पनी के सफल-सूत्र कार्यक्रम के माध्यम से मुझे एक सीनियर EDO से एक शाखा प्रबंधक तक के पद पर जाने का मौका मिला है. इसके अलावा, इस कम्पनी में मुझे ऐसी कार्यस्थल-संस्कृति देखने को मिली है, जिसके तहत यहाँ सभी को आगे बढ़ने और अपनी पहचान बनाने का मौका मिलता है. सत्या-परिवार के इस रोमांचक यात्रा का हिस्सा बन कर मैं अभिभूत हूँ.” वहीँ एक दुसरे एम्प्लोयी का कहना है कि-“सत्या परिवार के साथ काम करना, एक शैक्षिक एवं सुखद अनुभव रहा है. इस परिवार ने कैरियर ग्रोथ के लिए एक ऐसा मंच प्रदान किया है, जहां प्रतिभा और कड़ी मेहनत को पहचाना और सराहा जाता है. समाज के उत्थान में मदद करने के लिए इसके मूल्य और मिशन, हमें अपने कम्पनी के कार्य एवं साथ ही सामाजिक कार्य के प्रति जिम्मेवार बनाते हैं. मैं लम्बे समय तक इस कम्पनी का हिस्सा बने रहना चाहूँगा.”
सत्या माइक्रोकैपिटल लिमिटेड नाम की इस माइक्रोफाइनेंस कम्पनी को हाल ही में AsiaOne नाम की अंतर्राष्ट्रीय संस्था के द्वारा एशिया स्तर पर “Fastest Growing Brand 2020-21” का एवार्ड मिला है और कम्पनी के MD विवेक तिवारी को “Fastes Growing Leader 2020-21” का एवार्ड मिला है.
सत्या माइक्रोकैपिटल के विकास और विस्तार की बात करें तो Trust, Transparency, Team, Technology और Training के मूल-मन्त्र और मूल-भावना के साथ, इस कम्पनी ने मात्र 5 साल के कम समय में काफी ऊँची उड़ान भरने में कामयाबी हासिल की है. अब तक 21 राज्यों के 177 जिलों में, कुल 255 शाखाओं के 61 हजार से अधिक सेंटर्स के माध्यम से, अब तक सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े एवं वंचित 5 लाख लोगों को स्वरोजगार हेतु ऋण प्रदान किया जा चूका है. सत्या माइक्रोकैपिटल के MD विवेक तिवारी ने बताया कि-“हमारा मिशन है कि वर्ष 2025 तक 50 लाख ऐसे लोगों को स्वरोजगार प्रदान किया जाए जो सामाजिक एवं आर्थिक रूप से वंचित एवं पिछड़े हैं”