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आर्थिक संकट से बेहाल हुआ उत्तरी कोरिया, भूखे गरीब लोग अब अमीरों के बच्चों का कर रहे हैं अपहरण

उत्तर कोरिया इस समय कई बड़े अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना कर रहा है. इसके अलावा कोरोना वायरस महामारी के कारण सीमाएं सील होने से लोगों की आर्थिक हालात और खराब हो गए हैं. किम जोंग ने देश में कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए कई बड़ी फैक्ट्रियों को बंद करवाया हुआ है. इस कारण उत्तर कोरिया की बहुसंख्यक मजदूर आबादी के सामने भुखमरी का संकट पैदा हो गया है.

कोरोना को उत्तर कोरिया में प्रवेश करने से रोकने के लिए किम जोंग उन के आदेश पर जनवरी 2020 में ही देश की सीमा को सील कर दिया गया था। इस कारण किम जोंग उन के देश में भोजन, दवाओं, ईंधन और अन्य रोजमर्रा की जरूरतों की कमी हो गई है. इस तानाशाह को डर था कि अगर कोरोना वायरस उसके देश में प्रवेश कर गया तो देश की पुरानी और खराब रूप से सुसज्जित स्वास्थ्य प्रणाली ध्वस्त हो जाएगी.

उत्तर कोरिया में हालात इतने खराब हो गए हैं कि भूखे लोग अब अमीर परिवारों के बच्चों का अपहरण कर रहे हैं. बच्चों को छोड़ने के एवज में किडनैपर्स अपना खर्च चलाने के लिए भारी मात्रा में पैसों की मांग कर रहे हैं. हाल के हफ्तों में इस गुप्त देश में कम से कम चार बच्चों के अपहरण की सूचना मिली है. पुलिस को जांच के दौरान इन सभी अपहरणओं में एक ही पैटर्न मिला है.

आधिकारिक तौर पर उत्तर कोरिया में कोरोना वायरस के एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है। उत्तर कोरिया की 1352 किलोमीटर की सीमा चीन के साथ मिलती है. बॉर्डर बंद होने के बावजूद अक्सर तस्कर सुरक्षा व्यवस्था को चकमा देकर सामानों की हेराफेरी करते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना को रोकने की प्रतिक्रिया के चलते भले ही उत्तर कोरिया की सीमा को बहुत पहले ही बंद कर दिया गया हो, लेकिन इससे संक्रमण को रोका नहीं जा सकता है.

उत्तर कोरिया के दूर दराज के क्षेत्रों से हाल में ही भुखमरी की खबरें आई हैं. इन इलाकों में उद्योग और कृषि बड़े पैमाने पर ईंधन और स्पेयर पार्ट्स की कमी से ठप हो गए हैं. इतना ही नहीं, उत्तर कोरिया में चोरी की व्यापक रिपोर्टें भी हैं. बड़ी बात यह है कि इसमें पुलिसकर्मियों की मिलीभगत की भी जानकारी मिली है. इस कारण स्थानीय नागरिक और अधिक हताश होते जा रहे हैं.

रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने, प्योंगयांग के उत्तर में सोंगचोन काउंटी में अपने घर के बाहर एक नदी के किनारे खेलते समय छह साल की एक बच्ची गायब हो गई थी. उसे एक दूर के गांव में रहने वाले एक व्यक्ति ने अपहरण कर लिया और उसे बंधक बना लिया. अपहरणकर्ता जानता था कि उसका परिवार अच्छी तरह से संपन्न है और उसने फिरौती के पैसे लेने से पहले उसके माता-पिता का सेल फोन नंबर भी पहले से ही नोट कर रखा था. अपहरणकर्ता ने लड़की को अपने घर के एक कमरे में बंद कर दिया था और उसके माता-पिता से 500,000 वॉन (31578 रुपये) की मांग की थी. हालांकि, पुलिस ने उस व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किए गए फोन से उसकी लोकेशन को ट्रेस कर लिया. बाद में आरोपी की गिरफ्तारी के बाद बच्ची को बरामद भी कर लिया गया. ऐसा ही एक दूसरा मामला मध्य यांगडोक काउंटी में एक सड़क के किनारे चलने वाला 10 वर्षीय लड़के के अपहरण से जुड़ा हुआ है.

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