
महाराष्ट्र में भिखमंगी का धंधा दशकों पुराना है और आज भी यह धंधा बदस्तूर जारी है. कई दबंग और नामचीन लोगों की कमाई का साधन है ये धंधा, इसलिए पुलिस भी इस धंधे को रुकवाने में खुद को कमजोर महसूस करती है. देश में जहां भीख मांगने पर पाबंदी है, वही महाराष्ट्र में इस धंधे का बदस्तूर जारी रहना इस बात का प्रमाण है की इस धंधे के तार बहुत ऊँचे लोगों से जुड़े हुए हैं.
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में दिल झकझोर देने वाली घटना सामने आई है. यहां दो मासूम बच्चों को भीख मंगवाने के लिए डेढ़ लाख रुपये में खरीदने का मामला सामने आया है. औरंगाबाद पुलिस ने यहां एक भीख मंगवाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. शहर के मुकुंदवाड़ी पुलिस स्टेशन में इस बाबत मामला दर्ज किया गया है.
औरंगाबाद के मुकुंदवाडी इलाके के रामनगर में रहने वाली कांताबाई खंडागले ने पड़ोस में रहने वाली जनाबाई उत्तम जाधव नाम की महिला को उसके घर में मौजूद छोटे-छोटे बच्चों को निर्मम तरीके से मारते हुए कई बार देखा था. बुधवार को भी वो बच्चों को बुरी तरह से पीट रही थी. यह देखकर इस बार कांताबाई ने समाज सेवक देवराज वीर को फोन करके बताया. जानकारी मिलने के बाद बाद देवराज भी घटनास्थल पर पहुंचे. तब जनाबाई और उसकी बेटी सविता संतोष पगारे दोनों मिलकर एक लड़के को लकड़ी के डंडे से और हाथ से बुरी तरह पीट रहे थे.
दिल को झकझोर देने वाला दृश्य देखकर देवराज वीर ने तुरंत 5 साल के बच्चे को उनके कब्जे से छुड़ाया. जिसके बाद स्थानीय पुलिस स्टेशन को घटना के बारे में जानकारी दी. सूचना के बाद पहुंची पुलिस दोनों महिलाओं और बच्चे को लेकर मुकुंडवाड़ी पुलिस स्टेशन आई.
मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस ने बाल कल्याण संरक्षण अधिकारी एडवोकेट सुप्रिया इंग्ले समेत कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस स्टेशन में बुलाया. उसके बाद इन दोनों बच्चों को विश्वास में लेते हुए उनसे प्यार से पूछताछ की. जिसके बाद इन मासूम बच्चों ने जो बताया वह बेहद चौंकाने वाला था. बच्चों ने बताया कि हमें भीख मांगने के लिए यहां लाया गया था. अगर हम भीख नहीं मांगते थे तो हमें बुरी तरह से पीटा जाता था. अगर हमने उनकी बात नहीं सुनी तो हमें लात और घूसों से मारा जाता था. बाथरूम में सुलाया जाता था और घंटो पानी में बैठाया जाता था.
इस प्रकरण में पुलिस ने जिस महिला आरोपी को गिरफ्तार किया है. उसने उन दोनों बच्चों को दत्तक लेने का दावा किया है. इसके लिए 100 रूपये के बॉन्ड पेपर पर लिखा पढ़ी होने की बात भी उसने बताई. महिला आरोपी सविता पगारे ने 5 साल के बच्चे को बुलढाणा जिले में एक दंपत्ति से 55 हज़ार में खरीदा था जबकि दूसरे 2 साल के बच्चे को जालना जिले से एक लाख में खरीदा गया. फिलहाल इन दोनों बच्चों को बाल सुधार गृह में भेज दिया गया है.