
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही, मानो पाकिस्तान की मन मांगी मुराद पूरी हो गयी है. पाकिस्तान इन दिनों बहुत उछल-कूद कर रहा है. उसकी हरकतें और उसकी मंशा शक के घेरे में है. अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों को खुलकर दखलंदाजी करते देखा जा सकता है.
भारत के लिए सचेत होने की खबर ये है कि पाकिस्तान एयर फोर्स ने अफगानिस्तान के करीब बलूचिस्तान में ईस्टर्न फ्रंट पर एक एयरबेस को एक्टिव कर दिया है. इसके अलावा पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय बॉर्डर पर कोटली और रावलकोट नाम के दो अन्य सैटेलाइट एयर बेसेज को भी ऐक्टिवेट कर दिया है. दुश्मन देश के पास ऑपरेशन के लिए 12 ऐक्टिव और इतनी ही संख्या में सैटेलाइट हवाई अड्डे हैं.
वैसे अगर देखा जाए तो पाकिस्तान एयर फोर्स इन अड्डों को समय-समय पर ऐक्टिवेट करता रहता है. ऐसा वो इस आजमाईश में करता है कि ये वास्तविक इस्तेमाल की स्थिति आने पर कितने तैयार हैं. फरवरी 2019 में भारत ने बालाकोट पर एयर स्ट्राइक की थी, इसके बाद इनकी फ्रीक्वेंसी बढ़ी है. तब भारतीय मिराज-2000 लड़ाकू विमान पाकिस्तान के इलाके में अंदर घुसकर वापस आ गए थे. ये बिना किसी रुकावट के पाकिस्तान सीमा के अंदर घुसकर लौट आए थे, पाकिस्तान उस उड़ान को बस देखता भर रह गया था.
वैसे खबर ये भी है कि भारतीय एजेंसियां, पाकिस्तान की हर हरकत पर नजर रख रही हैं. उसके हर एक बेस को भारतीय रडारों ने कवर कर रखा है. भारतीय सुरक्षा प्रणाणी पूरी तरह चौकस है और वह रात-दिन पाकिस्तान की हर हरकत पर नजर रख रही है. एजेंसियों की ईस्टर्न फ्रंट पर भी पाकिस्तान एयर फोर्स की गतिविधियों पर नजर है क्योंकि यहां शम्सी एयर फील्ड को दोबारा ऐक्टिवेट किया गया है. युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में तालिबान को सहायता देने के लिए पाकिस्तान ने ऐसा किया गया है. पाकिस्तान ने अमेरिकी और अफगानी सेना के खिलाफ लगातार तालिबान की मदद की ताकि आतंकी समूह अफगानिस्तान पर कब्जा कर सके. इसके जरिये पाकिस्तान अफगानिस्तान पर अपना कंट्रोल रखना चाहता है.
पाकिस्तान में शम्सी एयर फील्ड का इस्तेमाल पहले अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी फौजें करती रही हैं. इसके जरिये तालिबान और अल-कायदा के आतंकियों को निशाना बनाया जाता था. अमेरिकी हवाई हमले में पाकिस्तानी सेना के कुछ सैनिकों की मौत के बाद पाकिस्तान ने इसे खाली करा लिया था.
अब सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान की ये हरकत महज सुरक्षात्मक औपचारिकता है या फिर उसकी मंशा में खोट है ? वैसे एक बात तो पाकिस्तान को अपने दिमाग में बिठा ही लेना चाहिए की अगर भारत के खिलाफ उसके मंशा में कोई खोट है तो ये उसकी बर्बादी का कारण बन सकता है.