
जिस तरह कोरोना वायरस के वेरिएन्ट्स में बदलाव देखा जा रहा है, उसी तरह से कोरोना संक्रमण के लक्षणों में भी तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है. अलग-अलग संक्रमितों में लक्षण की विविधता भी देखने को मिल रही है.
चिंता की बात ये है कि वायरस न सिर्फ अपना रूप बदल रहा है बल्कि इसके संक्रमण से होने वाले लक्षण भी तेज़ी से बदल रहे हैं. वैसे तो कोरोना की चपेट में आने के बाद आमतौर पर लोगों को बुखार, गले में खरास और सांस लेने में तकलीफ होती है, लेकिन अब कोरोना के कई नए लक्ष्ण भी आ गए हैं. मरीजों को इन दिनों तेज़ सिर दर्द के अलावा सुनने में भी परेशानी होती है.
कोविड टास्कफोर्स के एक सदस्य डॉक्टर राहुल पंडित ने कोरोना के कुछ नए उभरते लक्षणों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि इन दिनों सुनने में कठिनाई, कंजंक्टिवाइटिस, काफी ज्यादा कमजोरी, मुंह सूखना और लार कम निकलना, लंबे समय तक चलने वाला सिरदर्द और त्वचा पर चकत्ते भी कोरोना के लक्षण हो सकते हैं.
पिछले दिनों डॉक्टर राहुल पंडित ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई एक वर्चुअल मीटिंग में भाग लिया था. इस दौरान उन्होंने कोरोना के नए लक्षणों को लेकर सरकार को आगाह किया था. साथ ही उन्होंने कहा था कि कोरोना को आए लंबा वक्त बीत गया है इसके बावजूद नए लक्षण विकसित हो रहे हैं. लिहाज़ा इस पर हमें कड़ी नजर रखने की जरूरत है.
आरएन कूपर अस्पताल में ईएनटी के प्रमुख डॉक्टर समीर भार्गव ने कहा कि कोविड के कारण बहरापन की शिकायत कम आ रही है. उन्होंने कहा कि नस में सूजन या संक्रमण के कारण होने वाले क्लॉट के चलते सुनने में थोड़ी दिक्कत आती है. हालांकि उन्होंने कहा कि भारत में बहरेपन की शिकायत कम आ रही है. डॉक्टर भार्गव ने ये भी कहा कि ऐसे मरीज़ों का इलाज स्टेरॉयड से किया जाता है.
कोविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉक्टर संजय ओक ने कोविड के लक्षणों की अलग-अलग डिग्री के बारे में विस्तार से बात की. उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वेरिएंट के चलते कई मरीजों को दस्त, गैस और उल्टी जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ा. हालांकि लोगों में अलग-अलग तरह के बुखार देखे गए. किसी को बुखार नहीं आया तो किसी को अचानक बुखार चढ़ गया. जबकि किसी को दो-तीन दिन के बाद फीवर आया. कई लोगों में बुखार ठीक होने के बाद दुबारा आ गया.