
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले में स्थित खजमपुर देवली और जवासा में सत्या शक्ति फाउंडेशन ने शिक्षक दिवस के मौके पर, 5 सितंबर को ई–क्लिनिक का उद्घाटन किया. कोविड़-19 से संबंधित सभी एहतियाती उपायों का पालन करते हुए, समारोह में लगभग 150 लोगों ने भाग लिया. इस अवसर पर नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक देवेंद्र कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. इस समारोह में सत्या माइक्रोकैपिटल लिमिटेड के विवेक तिवारी (एमडी, सीआईओ और सीईओ) विशेष अतिथि के रूप में और डॉ राजेश चौधरी अतिथि के रूप में उपस्थित थे.
उद्घाटन समारोह में सांस्कृतिक गायन और नृत्य कार्यक्रम, ड्राइंग प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी और आसपास के गांवों के मेधावी छात्रों का अभिनंदन एवं उत्साहवर्धन किया गया. चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों को प्रमाणपत्र व कई आकर्षक पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. इतना ही नहीं शिक्षक दिवस पर सत्या शक्ति ई-क्लिनिक का उद्घाटन होने के साथ ही कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों का भी अभिनंदन भी किया गया.
सत्या ई-क्लिनिक का मुख्य उद्देश्य, बुलंदशहर शहर में बसे गांवों और जिलों में रहने वाले लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना है. प्रमाणित डॉक्टरों से टेलीमेडिकल परामर्श प्राप्त करने के अलावा, सत्या शक्ति फाउंडेशन भविष्य में एक डायग्नोस्टिक सेंटर को विकसित करने और संचालित करने की भी योजना बना रहा है.
इस पहल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सत्या माइक्रोकैपिटल लिमिटेड के विवेक तिवारी (एमडी, सीआईओ और सीईओ) ने कहा–“मेरा दृढ़ विश्वास है कि सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, एक बुनियादी मानव अधिकार है. ऐसा कुछ भी नहीं होना चाहिए जिसके कारण इस अधिकार को पाने के लिए, एक आम आदमी को संघर्ष करना पड़े. मैं मानवता के लिए, उनकी सेवाओं के लिए, हमारे अभियान से जुड़े लोगों को सलाम करता हूं. देश और बुलंदशहर के लोगों की सेवा के लिए सत्या शक्ति ई–क्लिनिक को समर्पित करते हुए हमें खुशी हो रही है. यह सुविधा घर के नजदीक स्वास्थ्य देखभाल तक लोगों की पहुंच प्रदान करेगी. हमारे लोगों को अब हमारे समुदाय में 24x7 मुफ्त डिजिटल ओपीडी सेवाओं तक पहुंच से बहुत लाभ होगा.“
सत्या शक्ति ई-क्लिनिक मूल रूप से दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों को सस्ती स्वास्थ्य परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है और एक सामुदायिक स्वास्थ्य सुविधाकर्ता (CHF) द्वारा संचालित किया जाएगा. यह CHF क्लिनिक, आने वाले रोगी के सभी चिकित्सा मापदंडों पर ध्यान देगा और फिर एक लैपटॉप/टैबलेट, डॉक्टरों के माध्यम से वीडियो कॉल या वॉयस कॉल की सुविधा प्रदान करेगा. एक बार परामर्श प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, क्लाउड आधारित डिजिटल एप्लिकेशन के माध्यम से स्वचालित अनुवर्ती (automatic follow-up) कार्रवाई भी होगी, जो रोगियों के मेडिकल रिकॉर्ड भी बनाए रखेगी. सत्या शक्ति फाउंडेशन की इस पहल के माध्यम से, लोग 30+ से अधिक एमबीबीएस डॉक्टरों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से पूरी तरह से मुफ्त डिजिटल ओपीडी और स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त करने में सक्षम होंगे.
इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए, सुश्री शिखा शर्मा (सीईओ, सत्या शक्ति फाउंडेशन) ने कहा–“हमारा उद्देश्य लोगों को सशक्त बनाना है और इसके लिए हमें सबसे पहले बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने की जरूरत है. उन्होंने लोगों को जीवन में स्वच्छता, स्वास्थ्य और शिक्षा के महत्व को समझने की आवश्यकता पर जोर दिया और बताया कि कैसे ये प्राथमिक चीजें समाज को उज्ज्वल भविष्य के लिए बदल सकती हैं.“
सत्या शक्ति फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संगठन (NPO) है जैसा कि कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत कंपनी की धारा-8 में परिभाषित किया गया है. इसकी नींव 28 अक्टूबर 2020 को रखी गयी थी. सत्या शक्ति फाउंडेशन, सत्या माइक्रोकैपिटल लिमिटेड के तहत एक NPO है, जो परोपकार और मानव कल्याण के मुख्य विषय के साथ समाज कल्याण हेतु उन्मुख एवं प्रतिबद्ध है. नई दिल्ली में स्थित अपने मुख्यालय के साथ, सत्या शक्ति फाउंडेशन समग्र रूप से एक धर्मार्थ संगठन है जो स्थायी और समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से हाशिए के लोगों की सामाजिक भलाई को सक्षम करके, उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने की दिशा में केंद्रित है. संगठन सभी जरूरतमंद लोगों को स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार सहायता और अन्य सुविधाएं प्रदान करके एक प्रगतिशील और सामंजस्यपूर्ण समाज के सतत विकास की दिशा में काम करने की लक्ष्य पर आगे बढ़ रहा है. सत्या शक्ति फाउंडेशन का लक्ष्य देश भर में वर्ष 2025 तक रोजगार के अवसर पैदा करना, सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देना, सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा पर 10 लाख परिवारों के बीच जागरूकता बढ़ाना है.