
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद के ताजा बयान के बाद, अब उठने लगे हैं सवाल-“2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में अभी लगभग 3 साल का वक्त है, लेकिन क्या कांग्रेस ने पहले ही हार मान ली है ?” क्या देश की सबसे पुरानी पार्टी को कई सालों तक सत्ता में आने की उम्मीद नहीं दिख रही है ?” ये सवाल इसलिए भी क्योंकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद के बयान से लग रहा है कि पार्टी आने वालों चुनावों में केवल 120-130 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा से बात करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि-“पार्टी आने वाले लोकसभा चुनाव में 120-130 सीटें हासिल करने और भाजपा विरोधी गठबंधन का नेतृत्व करने की उम्मीद है.” खुर्शीद के इस बयान से अब ये सवाल उठ रहे हैं कि देश की मुख्य विपक्षी पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में लगभग 300 सीटें जीतने वाली बीजेपी का मुकाबला क्या केवल 120-130 सीटों जीतने का लक्ष्य लेकर करेगी ? अगर वो 130 सीटें जीत भी लेती है तो क्या पार्टी इतनी कम सीटों के साथ सत्ता की सीढ़ी चढ़ पाएगी ?
पूर्व केंद्रीय मंत्री खुर्शीद ने क्षेत्रीय दलों को आगाह करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा ने 2019 का चुनाव उस समय जीता जब विपक्ष बिखरा हुआ था और अब भाजपा उनसे संबंधित राज्यों में उनके पीछे पड़ गई है. खुर्शीद ने कहा, ‘अगर कोई नेता नहीं है तो फिर उन्हें (एक नेता के तौर पर) पेश क्यों करना है. अगर कोई नेता है तो वह खुद से पेश हो जाएगा. सभी विपक्षी दलों में कांग्रेस अब भी ऐसी बेहतरीन स्थिति में है कि वह 120-130 सीटें जीत ले.”
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस भाजपा के खिलाफ 240-250 सीटों पर सीधे मुकाबले में है और उनके दावे का आधार यही है. गांधी परिवार के भरोसेमंद माने जाने वाले खुर्शीद ने कहा-“100-120 सीट जीतने वाली पार्टी नेतृत्व करेगी. दो सीटों वाली पार्टी अगुवाई नहीं करेगी. विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने से जुड़ा जवाब 120 सीटें हैं.”
सलमान खुर्शीद ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ विपक्ष के चेहरा के तौर पर पेश किये जाने की कुछ लोगों की पैरोकारी के सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि “इस मुद्दे पर मेरी कोई राय नहीं है. दिल्ली में जब सभी लोग मिलें तो उन्हें बात करनी चाहिए. मुझे कोलकाता में बैठकर इस पर टिप्पणी क्यों करनी चाहिए ? क्या कोई 120 सीटें ला सकता है ? मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस 120 सीटें ला सकती है, अगर कोई दूसरा 120 सीटें ला सकता है तो उसका स्वागत है. उन्हें कौन रोक रहा है ?”
खुर्शीद के अनुसार, पिछले दिनों जब विपक्षी नेताओं की बैठक हुई थी तो किसी ने भी इस बारे में बात नहीं की कि कौन नेतृत्व करेगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह फैसला क्षेत्रीय दलों को करना है कि क्या वे अगले एक दशक तक भाजपा को सत्ता में देखना चाहते हैं ? खुर्शीद ने कहा कि “यह क्षेत्रीय दलों के भविष्य की बात है क्योंकि भाजपा अब उनके पीछे पड़ी है. उन्हें अपने बारे में फैसला करना है. हमें 2019 की हार से अपना सबक सीखना है”
उन्होंने 1990 के दशक वाले संयुक्त मोर्चा के प्रयोग को दोहराने की स्थिति में उसकी सफलता पर संदेह व्यक्त किया. उस समय छोटे दल साथ मिलकर सत्ता में थे और कांग्रेस उन्हें बाहर से समर्थन दे रही थी. कांग्रेस में नेतृत्व संकट से संबंधित सवाल पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “न तो नेतृत्व का संकट है और न ही पार्टी इसको लेकर बेखबर है कि क्या करना है और क्या नहीं करना है. हम लोकतांत्रिक पार्टी हैं. मतभिन्नता हो सकती है. जिन्होंने (जी 23) पत्र लिखा था उन्होंने कभी नहीं कहा कि उन्हें नेतृत्व में विश्वास नहीं है”
खुर्शीद ने कहा कि जितिन प्रसाद और सुष्मिता देव जैसे युवा नेताओं ने पार्टी छोड़ी क्योंकि वे कांग्रेस के सत्ता में आने का इंतजार करने के लिए तैयार नहीं थे. खुर्शीद ने कहा कि प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करने के बारे में कोई भी फैसला कांग्रेस कार्य समिति करेगी.