
कोरोना महामारी के बारे में भले ही कुछ लोग आश्वस्त हो चुके हों और कोविड-19 सेफ्टी प्रोटोकॉल के प्रति लापरवाह हो चुके हों। लेकिन ऐसे लोगों को यह जरुर समझना चाहिए की कोरोना अभी गया नहीं है। अभी भी इसके मामले भारत में मिल रहे हैं और मौतें भी हो रही हैं। अगर लापरवाही इसी तरह कायम रही तो संभव है कि आने वाले दिनों में फिर से संक्रमण और मौतों के आंकड़ों में तेजी से उछाल होता हुआ दिखे। कोरोना के मामले में सतर्कता हमेशा की लिए जरुरी है क्योंकि इसके नए वेरिएंट भी कई देशों में दस्तक दे चुके हैं और तबाही भी मचा रहे हैं।
दक्षिण अफ्रीका में वैज्ञानिकों ने आज गुरुवार को कहा कि उन्होंने कोविड-19 के कई म्यूटेशन वाले नए वेरिएंट का पता लगाया है। यहां कोरोना केसों में तेजी के बीच यह घोषणा की गई है। वायरोलॉजिस्ट ट्यूलियो डी ओलिवेरा ने जल्दबाजी में बुलाए गए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “दुर्भाग्य से हमने एक नए वेरिएंट का पता लगाया है जो दक्षिण अफ्रीका में चिंता का कारण है।”
इससे पहले आज ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अधिकारियों ने दक्षिण अफ्रीका और पड़ोसी बोत्सवाना में फैल रहे नए वेरिएंट B.1.1529 पर बैठक में चर्चा की। यूसीएल जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर फ्रेंकोइस बलौक्स के साइंस मीडिया सेंटर में प्रकाशित बयान के मुताबिक, यह वेरिएंट संभवत: क्रोनिक इन्फेक्शन वाले किसी एचआईवी/एड्स के मरीज में पैदा हुआ।
नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका में अब तक नए वेरिएंट के 22 केस मिल चुके हैं। अभी डेटा सीमित है और वैज्ञानिक संक्रमण फैलाने की इसकी क्षमता परखने में जुटे हैं। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि दक्षिण अफ्रीका में मिला नया वेरिएंट डेल्टा से भी बुरा हो सकता है, जो भारत में दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था।