
दुनिया भर में आज अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस मनाया जा रहा है। हर साल 9 दिसंबर को यह दिन मनाया जाता है, जिसका मकसद भ्रष्टाचार के प्रति लोगों की जागरूक करना और इसके खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए उन्हें प्रेरित करना होता है, क्योंकि वैश्विक समाज में यह उस दीमक की तरह है, जो हर किसी को किसी न किसी रूप में प्रभावित करता है। वर्ष 2021 में अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस का थीम–“आपका अधिकार, आपकी भूमिका : भ्रष्टाचार को ना कहें” रखा गया है।
अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस मनाने के लिए पहला कदम दिसंबर 2003 में संयुक्त राष्ट्र ने यूनाइटेड नेशनल कन्वेंशन अगेन्स्ट करप्शन (UNCAC) पारित करके बढ़ाया था। इसे 31 अक्टूबर, 2003 को तैयार किया गया था। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राष्ट्रों ने इस संधि पर 9 दिसंबर को हस्ताक्षर किया था। भारत 9 दिसंबर, 2006 को इससे जुड़ा था। इस अंतरराष्ट्रीय संधि का मूल उद्देश्य भ्रष्टाचार को कम करने के लिए सदस्य राष्ट्रों में कानून-व्यवस्था को लागू करना था।
भ्रष्टाचार किस तरह से हम सभी के जीवन को प्रभावित करता है, इसे समझने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि यह आखिर है क्या? सीधे और सरल शब्दों में समझें तो कानून व नैतिक मूल्यों की उपेक्षा करके किसी भी जायज या नाजायज काम के लिए दिया जाने वाला अनुचित लाभ ही भ्रष्टाचार है। यह आर्थिक या किसी अन्य रूप में भी हो सकता है। जब यह लाभ आर्थिक रूप में होता है तो इसे रिश्वत कहा जाता है।
भ्रष्टाचार के चौंकाने वाले आंकड़े
दुनिया में रिश्वत का लेन-देन किस तरह होता है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक अनुमान के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर हर साल करीब 1 ट्रिलियन डॉलर यानी लगभग 70 लाख करोड़ रुपये रिश्वत की भेंट चढ़ जाते हैं, जबकि भ्रष्टाचार के माध्यम से करीब 300 लाख करोड़ रुपये हर साल चोरी हो जाता है। इसे और अधिक आसान शब्दों में समझने का प्रयास करें तो यह रकम वैश्विक GDP का करीब 5 फीसदी होता है।
इन आंकड़ों से जाहिर होता है कि भ्रष्टाचार किस तरह वैश्विक समाज को दीमक की तरह खा रहा है। खासतौर पर विकासशील देशों में यह एक गंभीर अपराध है, जहां सामाजिक और आर्थिक विकास की गति पहले ही बहुत धीमी है। यह न केवल विकास को प्रभावित करता है, बल्कि करोड़ों लोगों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य जनसुविधाओं पर भी असर डालता है और अंतत: मानवाधिकारों के उल्लंघन की वजह बनता है।
थीम के प्रति लोगों की गंभीरता और जागरूकता है जरुरी
ऐसे में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों की जागरुकता बेहद अहम है, ताकि वे इसे सीधे नकार सकें, जो अंतत: हर आदमी के हक को प्रभावित करता है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों को प्रेरित करने और इसके खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए हर साल अलग-अलग थीम के साथ यह दिन मनाया जाता है। इस बार अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस का थीम ‘आपका अधिकार, आपकी भूमिका : भ्रष्टाचार को ना कहें’ रखा गया है। भ्रष्टाचार के लिए आम तौर पर सरकारी तंत्र को जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है, लेकिन इसके लिए निजी कंपनियां और आम लोग भी कम जवाबदेह नहीं होते। कई बार आम लोग भी कई तरह के झंझटों, परेशानियों से बचने और समय की कमी का रोना बताकर अधिकारियों की नाजायज मांगें मान लेते हैं, जो अंतत: भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है। ऐसे में आम लोगों को भी खास सतर्कता बरतने की जरूरत है। ऐसी ‘अनुचित’ मांगों को लेकर वे भ्रष्टाचार विरोधी शाखा या सतर्कता आयोग से शिकायत कर सकते हैं।